यादें, हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं, जो कभी ख़ुशी तो कभी ग़म का सबब बनती हैं। शायरी में ‘याद’ एक प्रमुख विषय रहा है, जहां शायरों ने बिछड़ने की कसक, पुरानी यादों की मिठास और दिल की गहराइयों में बसी भावनाओं को बखूबी बयान किया है।
इस लेख में, हम आपके लिए Yaad Shayari का एक संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जो दिल को छू लेने वाली भावनाओं से भरपूर है। इन शायरियों के माध्यम से, आप उन लम्हों को फिर से जी सकेंगे, जो कभी आपकी ज़िंदगी का हिस्सा रहे हैं।
आशा है कि यह Yaad Shayari संग्रह आपके दिल को छूएगा और आपको अपनी पुरानी यादों की गलियों में ले जाएगा। इन शायरियों के माध्यम से, आप अपने अनुभवों को नए नजरिए से देख सकेंगे और उन भावनाओं को फिर से महसूस कर सकेंगे।
Yaad Shayari in Hindi- याद पर शायरी
चाहा था तुझे भूल जाएँगे हम,
मगर तेरी यादों ने सोने न दिया।
तू पास होता तो महक उठते लम्हे,
अब तेरी यादों में ही साँसे बसती हैं।
कभी सोचा न था कि इतनी याद आएगी,
तेरे जाने के बाद ज़िंदगी तन्हा रह जाएगी।
तेरी यादों की ठंडक भी कमाल की होती है,
दिल जलता रहता है और आँसू जम जाते हैं।
तेरी यादों का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता,
हर रोज़ कोई नया बहाना बना लेती हैं।
यादें भी मेरे मिज़ाज से वाक़िफ़ हो गईं,
रोना चाहूँ तो हँसा देती हैं, हँसना चाहूँ तो रुला देती हैं।
याद पर ग़ज़लें
तेरी यादों का सहारा है अब तक,
वरना कब के बिखर गए होते हम।
यादें तेरी इस कदर दिल में बस गईं,
कि अब तन्हाइयों से भी मोहब्बत हो गई।
भूलने की कोशिश में और याद आ गए,
दिल को समझाने चले थे, और तड़पा गए।
अब किससे कहें कि कितना दर्द है,
तेरी यादें ही अब मेरा हाल पूछती हैं।
तेरी यादों ने घेरा है इस कदर,
कि नींद से ज़्यादा अब आँसू आते हैं।
तेरी यादों का मौसम हर रोज़ आता है,
दिल को जलाता और फिर बरस जाता है।
याद पर नज़्में
यादें तेरी हर वक्त साथ रहती हैं,
हर सांस में तेरा नाम गूंजता रहता है।
तेरी यादों से पीछा नहीं छुड़ा पाया,
जितना दूर गया, उतना पास आ गया।
यादें जो छुपाई थीं हमने दिल में,
वो अब आँसुओं में बहकर बाहर आ गईं।
तू नहीं है पास, पर तेरी यादें पास हैं,
जब तक तेरे ख्याल हैं, हम अकेले नहीं हैं।
कभी तुम थे पास, अब तुम दूर हो,
लेकिन तुम्हारी यादें हर वक्त मुझे जरूर हो।
तेरी यादों की खुशबू अब भी ताजगी सी है,
जिन्हें मैं भूलने की कोशिश करता हूँ, वही फिर लौट आती है।
याद पर क़तआ’त
तेरी यादें हमेशा दिल में गहराई से बसी हैं,
अब तो लगता है, तू कहीं दूर नहीं, पास ही है।
हर दर्द को चुपके से छुपा लिया था मैंने,
लेकिन तेरी यादों ने फिर से सब कुछ उजागर कर दिया।
भूलने की कोशिशों में, और यादों में डूब जाता हूँ,
तेरी हँसी की गूंज कभी मुझसे दूर नहीं जाती।
तेरी यादों को दिल में चुपके से संजो लिया था,
अब ये यादें अपनी पूरी तरह से जगह बना चुकी हैं।
यादों का यह सिलसिला कभी खत्म नहीं होता,
जब भी कोशिश की, हर पल कुछ और और गहरा हो जाता है।
तेरी यादें अब मेरे लिए जुनून बन गईं हैं,
कभी रुलाती हैं, तो कभी मुस्कान का कारण बन जाती हैं।
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FAQ’s
1. “याद पर क़तआ’त” शायरी का क्या अर्थ है?
- “याद पर क़तआ’त” शायरी में शायर अपनी गहरी यादों और भावनाओं को व्यक्त करता है। यह शायरी उस स्थिति को दर्शाती है जब कोई व्यक्ति अपनी पुरानी यादों को भुलाने की कोशिश करता है, लेकिन वे यादें फिर भी दिल में गहराई से बसी रहती हैं और छोड़ नहीं पातीं।
2. क्या “याद पर क़तआ’त” शायरी केवल प्रेमी-प्रेमिका के बीच होती है?
- नहीं, “याद पर क़तआ’त” शायरी किसी भी प्रकार की यादों पर हो सकती है, जैसे कि खोए हुए रिश्ते, पुराने दोस्त, परिवार, या यहां तक कि जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण पल की यादें। यह शायरी दिल की गहरी भावनाओं को व्यक्त करती है, चाहे वह किसी के साथ बीते पल हों या खो चुके रिश्ते।
3. “क़तआ’त” शब्द का अर्थ क्या होता है?
- “क़तआ’त” अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है “अंश” या “टुकड़ा”। शायरी में यह किसी विचार, भावना, या अनुभव का एक छोटा सा हिस्सा, एक शेर या लाइन के रूप में प्रस्तुत होता है।
4. इन क़तआ’तों का जीवन में क्या महत्व है?
- इन क़तआ’तों का महत्व यह है कि ये व्यक्ति के गहरे अनुभवों, यादों और भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करती हैं। यह शायरी हमें यह सिखाती है कि यादें हमारे जीवन का हिस्सा होती हैं और कभी-कभी वे हमारे दिल की गहराईयों में बसी रहती हैं, हमें हर पल महसूस होती हैं।
5. क्या “याद पर क़तआ’त” शायरी को किसी विशेष मौके पर लिखी जा सकती है?
- हाँ, “याद पर क़तआ’त” शायरी खासतौर पर उन मौकों पर लिखी जा सकती है जब किसी व्यक्ति को किसी खास याद, लम्हे, या रिश्ते की याद आ रही हो। यह शायरी उस वक्त की भावनाओं और महसूसات को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है, जैसे कि किसी प्रियजन की जुदाई, पुराने दोस्तों से मिलन, या जीवन के किसी महत्वपूर्ण मोड़ की याद।
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