Maut Shayari in Hindi, मृत्यु, जीवन की एक अनिवार्य सच्चाई है, जो सदियों से कवियों और शायरों के लिए चिंतन और अभिव्यक्ति का विषय रही है। शायरी के माध्यम से, मृत्यु के रहस्य, उसकी अनिश्चितता और उससे जुड़ी भावनाओं को गहराई से व्यक्त किया गया है।
इस लेख में, हम आपके लिए Maut Shayari in Hindi का एक संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जो इस विषय की जटिलताओं और मानवीय अनुभवों को उजागर करता है। इन शायरियों के माध्यम से, आप मृत्यु के विभिन्न पहलुओं को समझ सकेंगे और उससे संबंधित भावनाओं को महसूस कर सकेंगे।
आशा है कि यह Maut Shayari in Hindi संग्रह आपके हृदय को छूएगा और आपको इस गहन विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा। इन शायरियों के माध्यम से, आप मृत्यु के रहस्य और उसकी अनिवार्यता को और भी गहराई से समझ सकेंगे।
मौत पर शेर
मौत से क्यों डरूं मैं, ये तो एक सफर है,
जिसका हर मुसाफिर बस इंतजार में है।
मौत भी शौक से आएगी एक दिन,
हम भी अब ज़िंदगी से ऊब चुके हैं।
जिंदगी एक खेल है, खेल लेंगे इसे,
मौत जब आएगी, गले लगा लेंगे उसे।
मौत से कह दो, रोज़ ना डराया करे,
हम कब से तैयार बैठे हैं जाने को।
सुना है मौत भी चाहने वालों से दूर रहती है,
पर हम तो कब से इसे अपना बना चुके हैं।
मौत को देख मुस्कुरा देंगे, डरते नहीं,
जिंदगी से ही कोई वफ़ा ना हुई हमसे।
मौत पर ग़ज़लें
मौत से कह दो कि जल्दी आ जाए,
अब ये ज़िंदगी हमसे संभाली नहीं जाती।
जिंदगी के हर दर्द का इलाज है मौत,
पर मौत से पहले मरना मुनासिब नहीं।
मौत भी मुस्कुरा कर आए तो अच्छा हो,
ज़िंदगी ने तो बस आंसू ही दिए हैं।
जिसे जीने की कोई वजह ना मिले,
उसके लिए मौत भी रहमत होती है।
कफ़न ओढ़ लेंगे हंसते-हंसते,
अब मौत से भी कोई शिकवा नहीं।
जिंदगी से शिकायतें बहुत हो गईं,
चलो अब मौत को गले लगा लेते हैं।
मौत पर रुबाई
मौत से अच्छा कोई हमसफ़र नहीं,
जो भी मिला, बस दर्द के सिवा कुछ नहीं।
मौत का क्या है, कभी भी आ जाएगी,
सांस थमेगी और कहानी ख़त्म हो जाएगी।
मौत से कह दो कि जल्दी आए,
अब यह ज़िंदगी हमसे संभलती नहीं।
जीने की ख्वाहिश तो बहुत थी मगर,
मौत ने हमें अपना बना लिया आखिर।
मौत भी काश किसी दिन हमें गले लगा ले,
ये तन्हा ज़िंदगी अब और कटती नहीं।
जिंदगी एक धुआं है, जल ही जाएगी,
मौत एक हकीकत है, आ ही जाएगी।
मौत पर नज़्में
मौत से पहले भी एक मौत होती है,
जब अपनों के बीच तनहाई रोती है।
मौत का आना भी एक सुकून देगा,
ये दर्द भरी जिंदगी अब और नहीं सहा जाता।
कब्र में भी शायद चैन ना मिले,
ये दुनिया हमें वहां भी भुला देगी।
जिंदगी के हर जख्म का इलाज है मौत,
पर उसे बुलाने की जुर्रत नहीं होती।
मौत भी हमें देखकर हैरान हो गई,
कहने लगी, तुम तो पहले से ही मरे हुए हो।
मौत आएगी तो हर दर्द मिटा देगी,
जो अधूरे थे ख्वाब, उन्हें भी सुला देगी।
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FAQ’s
- मौत पर शायरी क्यों लिखी जाती है?
मौत पर शायरी इंसान के दुख, दर्द और जीवन की नश्वरता को दर्शाने का एक माध्यम होती है। यह हमें जीवन के अस्थायी होने का एहसास दिलाती है। - क्या मौत पर शायरी सिर्फ दुखभरी होती है?
नहीं, मौत पर शायरी सिर्फ दुखभरी नहीं होती, बल्कि कई बार यह जीवन के सत्य को दर्शाने वाली, प्रेरणादायक और आत्मचिंतन को प्रेरित करने वाली भी हो सकती है। - मौत पर सबसे प्रसिद्ध शायर कौन-कौन से हैं?
ग़ालिब, मीर तकी मीर, फैज़ अहमद फैज़, जौन एलिया और अहमद फ़राज़ जैसे कई शायरों ने मौत पर गहरी और मार्मिक शायरी लिखी है। - क्या मौत पर शायरी सिर्फ दुखी लोगों के लिए होती है?
नहीं, यह हर किसी के लिए होती है जो जीवन और मृत्यु के गहरे अर्थ को समझना चाहता है। यह हमें जीवन के मूल उद्देश्य पर सोचने का अवसर देती है। - मौत पर शायरी कैसे लिखी जाए?
मौत पर शायरी लिखने के लिए गहरे भावनात्मक एहसास, आत्मचिंतन और जीवन-मृत्यु के अनुभवों को शब्दों में ढालना जरूरी होता है। दर्द और संवेदना को सटीक शब्दों में व्यक्त करना इसकी खासियत होती है।
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