Best 40+ Desh Bhakti Shayari in Hindi | वतन-परस्ती पर शायरी 2025

Desh Bhakti Shayari, देशभक्ति, जो हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखती है, केवल एक भावना नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व का अभिन्न हिस्सा है। हमारी नवीनतम प्रस्तुति Desh Bhakti Shayari में, हमने उन जज़्बातों को शब्दों में पिरोया है, जो मातृभूमि के प्रति हमारे प्रेम, सम्मान और समर्पण को व्यक्त करते हैं। यह शायरी संग्रह उन वीर शहीदों को समर्पित है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार दिया। इन शायरियों के माध्यम से, हम न केवल उनकी कुर्बानियों को याद करते हैं, बल्कि अपने भीतर देशप्रेम की भावना को और प्रबल करते हैं। आशा है कि यह संग्रह आपके हृदय को छूएगा और आपको अपने वतन के प्रति गर्व और प्रेम से भर देगा।

Desh Bhakti Shayari in Hindi – वतन-परस्ती पर शायरी

Desh Bhakti Shayari

 

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-कातिल में है।

देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें,
तिरंगा ही कफ़न बने ये मंज़ूर है हमें।

वतन के लिए जीना है, वतन के लिए मरना है,
यही अरमान दिल में और ख्वाबों में सवेरा है।

Desh Bhakti Shayari

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाक़ी निशां होगा।

तिरंगे की शान में जान लुटा देंगे,
भारत माँ के चरणों में शीश झुका देंगे।

देश के लिए जो फना हो गए,
सच्चे वीर वही कहलाएंगे।

वतन-परस्ती पर नज़्में

Desh Bhakti Shayari

वतन की माटी से खुशबू ये आती रहे,
हर दिल में बस इसकी शम्मा जलती रहे।
जो इसके लिए सर कटाने को आए,
वो धरती सदा उन पर नाज़ करती रहे।

जो कुर्बान हो जाए देश के लिए,
वो मिसाल बनते हैं फख्र के लिए।
हम रहें न रहें, पर ये वादा रहे,
तिरंगा लहराए सदा आसमां के लिए।

Desh Bhakti Shayari

वतन के लिए जीना, वतन के लिए मरना,
यही है मेरा ईमान, यही मेरा कर्म है।
जो लहू बहाया है वीरों ने इस ज़मीं पर,
उसी से महकता ये गुलशन का चमन है।

सरहदों पर खड़े जो जवान हैं अपने,
वो माँ भारती के सच्चे अरमान हैं।
जो शहीद हो गए हँसकर वतन पे,
वो इस धरती का चमकता ईमान हैं।

वतन-परस्ती पर ग़ज़लें

Desh Bhakti Shayari

वतन के लिए जीने का जो जज़्बा हो दिल में,
वो हर मुश्किल में मुस्कराए, कभी न झुके दिल में।

वतन की धरती पे अगर बसी हो मोहब्बत,
तो फिर जंग भी सलामत होती है रूहों की राहत।

वतन की खातिर हर दर्द को गले लगाना होगा,
हमें चुपचाप नहीं, हक़ से आवाज़ उठाना होगा।

Desh Bhakti Shayari

वतन की शान में जो बहे खून हमारा,
वो खून क़िस्मत से ज्यादा रंगीन हो हमारा।

तेरा मेरा क्या काम, वतन को बचाना है,
इस मातृभूमि को एक सुहानी पहचान बनाना है।

जिस वतन पे फक्र है, उस वतन से प्यार है,
जिसके लिए हर आदमी अपना सिर झुका दे यार है।

वतन-परस्ती पर दोहे

Desh Bhakti Shayari

वतन से जो मुहब्बत, दिल में बसाई जाए,
उसकी शान के लिए, जान भी लुटाई जाए।

वतन की राहों पर, चुपचाप न चलें हम,
हक की आवाज़ से, ही तो हम कुछ कर पाएंगे।

वतन की मिट्टी को, सिर पे जो चढ़ाए,
वो वीर सच्चे दिल से, अपनी जान समर्पित करे।

Desh Bhakti Shayari

हमारी मेहनत हो, वतन के काम में,
वो हमारी पहचान हो, इज्जत और नाम में।

वतन के लिए सब कुछ, कुर्बान करना चाहिए,
वो ही सच्चा प्यार है, जो दिल से माना चाहिए।

वतन का क़र्ज़ चुकाने, हमसे कोई न रोक पाए,
वतन पर जान न्योछावर, ये वचन हम निभाए।


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FAQ’s

  1. वतन-परस्ती का मतलब क्या होता है?
    वतन-परस्ती का मतलब है अपने देश के प्रति निष्ठा, प्रेम और समर्पण। इसमें अपनी मातृभूमि के लिए त्याग, बलिदान और सेवा की भावना समाहित होती है।
  2. वतन-परस्ती क्यों महत्वपूर्ण है?
    वतन-परस्ती इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें अपनी पहचान, संस्कृति और देश के प्रति कर्तव्य की याद दिलाती है। यह हमें एकता और अखंडता बनाए रखने की प्रेरणा देती है।
  3. वतन-परस्ती को कैसे अपनाया जा सकता है?
    वतन-परस्ती को अपनाने के लिए हमें अपने देश की सेवा करनी चाहिए, इसके कानूनों का पालन करना चाहिए, और अपने समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा, देश के लिए सही कार्यों में योगदान देना भी वतन-परस्ती का हिस्सा है।
  4. वतन-परस्ती में क्या बलिदान करना पड़ता है?
    वतन-परस्ती में कभी-कभी अपनी व्यक्तिगत खुशियों और आरामों को त्यागना पड़ता है। यह बलिदान देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए हो सकता है, जैसे युद्ध में शहीद होना या समाज के लिए अपनी जान जोखिम में डालना।
  5. क्या वतन-परस्ती केवल सैनिकों का कर्तव्य है?
    नहीं, वतन-परस्ती केवल सैनिकों का कर्तव्य नहीं है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने देश के प्रति निष्ठा रखें और समाज के भले के लिए काम करें, चाहे वह किसी भी पेशे में हो।

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