कभी-कभी इंसान का मन बिना किसी वजह के चिढ़ जाता है, गुस्सा आता है और दिल बोझिल हो जाता है। ऐसे वक्त में लफ़्ज़ ही सबसे बड़ी राहत बन जाते हैं। अगर आप भी ऐसे ही अनजाने गुस्से और भावनाओं को शायरी के ज़रिए बयां करना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। 💖 यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं बेवजह गुस्सा शायरी, जो आपके दिल की हर उस तड़प को शब्दों में ढाल देगी जिसे आप कह नहीं पाते।
तो आइए, डूब जाएं इन हसीन अल्फ़ाज़ों में और महसूस करें उन जज़्बातों को, जो अक्सर हम अपने ग़ुस्से में छुपा लेते हैं। 🌙
35+ बेवजह गुस्सा शायरी | Gussa Shayari

बेवजह गुस्सा आता है, दिल भी कुछ कहता है 😔
शायद कोई हमारी मुस्कान को भुला देता है।
गुस्सा भड़के जब दिल में, सब कुछ अंधेरा सा लगे 🔥
कहीं कोई समझे, तो ही सुकून सा लगे।
बेवजह नाराजगी दिल में बैठ जाती है 💔
ख़ामोशी में भी कोई बात कह जाती है।

गुस्सा है या मोहब्बत, समझ पाना मुश्किल है 😤
हर बात पर दिल जलता, पर जुबां कुछ नहीं कहती।
गुस्सा भी एक एहसास है, जो दिल में छुपा है 😶🌫️
कभी हंसते हुए टूट जाता, कभी चुप रह जाता।
बेवजह गुस्सा दिखाना, आदत बन गया है 😡
कहीं न कहीं, ये दिल का दर्द छुपा गया है।

गुस्से में भी मोहब्बत की खुशबू रहती है 🌹
जैसे तूफ़ान में भी कोई रौशनी रहती है।
नाराजगी की परछाई हर जगह दिखती है 👀
दिल कहता है सॉरी, पर जुबां चुप रहती है।
कभी गुस्सा भी सिर्फ प्यार जताता है 💢
वो भीड़ में अकेले, अपना दिल दिखाता है।

बेवजह गुस्सा भी अजीब खेल है 🎭
कभी दिल को सुकून देता, कभी आग भर देता।
गुस्सा हो या दुख, सब की अपनी कहानी है 📖
कभी रो कर बहाना, कभी मुस्कुराना ज़रूरी है।
दिल की खामोशी में गुस्सा छुपा रहता है 🤫
हर बात पर झूठा मुस्कान दिखा देता है।

बेवजह गुस्सा करना, आदत नहीं होती 😔
पर दिल में ये आग, धीरे-धीरे रोना बन जाती।
गुस्से की बारिश में भी यादें भीगती हैं 🌧️
हर चोट दिल की, किसी की गलती कहती है।
बेवजह नाराज़गी कभी दिल को तोड़ देती है 💔
पर सच्चाई में ये सिर्फ दिल को जोड़ देती है।

गुस्से में भी मोहब्बत की मिठास रहती है 🍯
जैसे किसी रेत में फूल खिला हो।
दिल का गुस्सा अक्सर दिखता नहीं 😤
पर आँखों में उसका समंदर बहता है।
बेवजह गुस्सा अक्सर खुद को ही चोट पहुँचाता है ✋
कहीं न कहीं ये दिल की आवाज़ दबाता है।

गुस्से की आग भी कभी ठंडी हो जाती है ❄️
और दिल फिर से प्यार की राह पकड़ लेता है।
कभी बेवजह गुस्सा, कभी बेवजह हँसी 😅
ज़िंदगी का ये रंग, खुद ही समझी नहीं जाती।
गुस्से में भी प्यार छुपा रहता है 💞
जैसे रात में तारे छुप कर चमकते हैं।

बेवजह नाराज़गी, कभी दिल को तंग करती है 😢
पर सच्ची मुस्कान, उसे भी बदल देती है।
गुस्सा कभी शोर में छुपा है 📢
कभी चुप रह कर दिल को दर्द देता है।
दिल का गुस्सा भी अक्सर मासूम होता है 😇
कहीं गलतफहमी में, खुद को खो देता है।

बेवजह गुस्सा कभी यादें लाता है 🕰️
कभी हँसी, कभी आँसू, सब दिल में जमा जाता है।गुस्से में भी दिल की आवाज़ सुनो 🔊
वो सिर्फ कहता है, “मुझे समझो थोड़ा।”
बेवजह गुस्सा भी एक फितरत है 🌪️
जो दिल को कभी छू ले, कभी तोड़ दे।

गुस्से की आग भी अक्सर प्यार की आग है 🔥💖
जो सही दिशा में हो, तो दिल को बदल देती है।
दिल का गुस्सा अक्सर खुद से लड़ता है 🥊
कभी खुद को खो देता, कभी खुद को पाता है।
बेवजह गुस्सा भी हमें इंसान बनाता है 🌿
कभी दर्द दिखाता, कभी सुकून लाता है।
तो दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट में दी गई बेवजह गुस्सा शायरी ने आपके दिल तक पहुंच कर आपके जज़्बातों को आवाज़ दी होगी। गुस्से की वह आग, जिसे शब्दों में बदल दिया जाए, अक्सर सबसे ज़्यादा सुकून देती है।
चाहे आप अपना ग़ुस्सा किसी ख़ास तक पहुँचाना चाहते हों, अपने जज़्बातों को सोशल मीडिया कैप्शन में बयां करना चाहते हों, या बस खुद को हल्का करना चाहते हों— Shayari Path पर आपको हर मूड के लिए सही शायरी ज़रूर मिलेगी।
आख़िरकार, शायरी सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं होती, बल्कि उस एहसास की दास्तां होती है जो दिल में उतरकर हमें सुकून देती है। 🌙
तो अब देर किस बात की? अपनी फेवरेट Gussa Shayari चुनिए, सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए और देखिए कैसे आपके लफ़्ज़ लोगों के दिल को छू जाते हैं।
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