30+ Best दिखावे के रिश्ते शायरी – Dikhawa Shayari

दिल से नहीं, अब दिखावे से निभते हैं रिश्ते…
आज के दौर में सच्चाई से ज़्यादा “इमेज” की अहमियत बढ़ गई है। और इसी झूठी दुनिया में दिखावे के रिश्ते शायरी दिल को भीतर तक छु लेती है 

Shayari Path पर हम लेकर आए हैं वो शायरियाँ जो रिश्तों की सच्चाई को बयाँ करती हैं — वो ख़ामोश चीखें, वो मुस्कान के पीछे छुपा दर्द, और वो पल जहाँ हर “अपना” बस दिखावे तक सीमित रह गया।

दिखावे के रिश्ते शायरी

दिखावे के रिश्ते शायरी

जो चेहरे पर मुस्कान दिखाते हैं झूठी,
वही पीठ पीछे चालें चलाते हैं सूखी।

दिखावे के रिश्ते अब सजे बाज़ार में,
सच्चाई मर गई इन किरदारों के शृंगार में।

आजकल लोग चेहरे से प्यार जताते हैं,
दिल से नहीं, बस दिखावे निभाते हैं।

दिखावे के रिश्ते शायरी

रिश्तों की गर्मी अब नकली लगती है,
हर बात में सच्चाई अधूरी लगती है।

जो हरदम अपनापन जताते हैं,
वही ज़रूरत पड़ते ही कंधे हटाते हैं।

दिखावे की दुनिया में सबको जीत चाहिए,
चाहे रिश्तों की सच्चाई हार जाए।

दिखावे के रिश्ते शायरी

अब तो मुस्कान भी सौदे में बिकती है,
दिखावे की दुनिया हर दिल में चुभती है।

रिश्ते अब आईने जैसे हो गए हैं,
चमकते हैं बस, मगर टूटे हुए हैं।

झूठी हंसी में छुपा है दर्द गहरा,
दिखावे के रिश्ते बन गए हैं पहरा।

दिखावे के रिश्ते शायरी

कोई दिल से नहीं, सब दिखावे से मिलते हैं,
सच्चे लोग अब सपनों में मिलते हैं।

चेहरे पर अपनापन, दिल में हिसाब रखते हैं,
दिखावे के रिश्ते अब आदाब रखते हैं।

जहाँ सच्चाई की कीमत घट जाती है,
वहाँ दिखावे की दीवारें बढ़ जाती हैं।

दिखावे के रिश्ते शायरी

झूठे रिश्तों का ये मेला लग गया,
जहाँ हर चेहरा मुखौटे में ढल गया।

सब अपने लगते हैं जब तक काम पड़े,
फिर दूर चले जाते हैं, जब नाम पड़े।

दिखावे की ये दुनिया कुछ ऐसी है,
यहाँ हर मुस्कान में साज़िश वैसी है।

दिखावे के रिश्ते शायरी

सच्चे दिलों को अब कोई समझे कहाँ,
दिखावे के रिश्ते बस नाम के यहाँ।

अब तो रिश्ते भी कपड़ों जैसे हैं,
जब तक अच्छे लगें, तब तक सजे हैं।

हर बात में नाटक, हर पल में खेल,
दिखावे के रिश्ते कर गए दिल ढेल।

दिखावे के रिश्ते शायरी

जो साथ बैठे हैं, सब अपने नहीं,
कुछ तो बस दिखावे के सपने सही।

सच्ची मोहब्बत अब दुर्लभ हो चली,
दिखावे की बातें ही सब बोल चली।

रिश्ते निभाने की अब परिभाषा नई है,
दिखावे में भी सच्चाई की चाह सही है।

दिखावे के रिश्ते शायरी

आँखों में अपनापन, पर दिल में साज़िश,
यही है दिखावे की आज की आदत।

सच कहूँ तो अब भरोसा कम पड़ता है,
जब हर रिश्ता बस दिखावे में अटकता है।

दिखावे के रिश्ते अब पहचान बन गए,
सच्चे लोग तो जैसे अनजान बन गए।

दिखावे के रिश्ते शायरी

अब दिलों में जगह नहीं, स्टेटस में प्यार है,
दिखावे की दुनिया में बस दिखावा ही व्यापार है।

सच्चाई से ज़्यादा अब नक़ाब प्यारा है,
यही तो रिश्तों का नया किनारा है।

जो सामने मुस्कुराते हैं, वही पीछे काटते हैं,
दिखावे के रिश्ते अब किसे भाते हैं?

दिखावे के रिश्ते शायरी

अब तो एहसास भी दिखावे का हिस्सा है,
हर रिश्ता बस एक किस्सा है।

दिखावे की भीड़ में सच्चे खो गए,
रिश्ते अब कागज़ के हो गए।

अब हर बात में झूठ का परदा है,
दिखावे के रिश्तों का ये भी मज़ा है।

तो दोस्तों, उम्मीद है कि आज की ये शायरी आपके दिल के बेहद करीब रही होगी।
दिखावे के रिश्ते शायरी सिर्फ़ शब्द नहीं, ये उन जज़्बातों की आवाज़ है जो अक्सर हम बोल नहीं पाते।
यहाँ Shayari Path पर हम हर रोज़ उन्हीं सच्चे एहसासों को शब्दों में ढालते हैं, ताकि आप अपने दिल की अनकही कहानियाँ बयां कर सकें।

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