मुस्कुराहट पर शेर
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी,
छोड़ गए वो ये कहकर कि तुमको दर्द ही नहीं।
मुस्कुरा कर मिलो तो कोई ग़म कम हो,
वरना इस दुनिया में कौन किसका हमदर्द हो।
तेरी मुस्कान से मिलती है दिल को राहत,
तू नज़रें ना फेर, जीने का सहारा है तू।
वो मुस्कुरा कर मिलते हैं हमें हर मोड़ पर,
दिल तो जलता ही है, रूह भी जलने लगती है।
हमारी मुस्कुराहटों पर न जाना,
दिल का हर ज़ख्म गहरा है अंदर से।
कभी किसी की मुस्कुराहट की वजह बना करो,
ग़म खुद-ब-ख़ुद तुमसे दूर हो जाएंगे।
मुस्कुराहट पर ग़ज़लें
ग़ज़ल 1
तेरी मुस्कान से रौशन है ये सारी महफ़िल,
चाँद भी शरमा गया तेरा नूर देखकर।
हर ग़म को छुपा लेती है ये मासूम अदा,
जैसे गुलाब संभाले हो कांटे बिखरकर।
ग़ज़ल 2
तेरी मुस्कान का जादू हर दर्द मिटा देता है,
टूटे हुए दिल को भी ये नया आसरा देता है।
हँसते रहो यूँ ही तुम हर एक घड़ी,
तेरा हंसना भी खुदा को बहुत भा जाता है।
ग़ज़ल 3
वो जब मुस्कुरा कर हमें देख लेते हैं,
हर दर्द को जैसे सहारा मिल जाता है।
ये दुनिया तो बस एक धोखा ही है,
तेरी हंसी में ही किनारा मिल जाता है।
ग़ज़ल 4
तेरी मुस्कान के आगे जमीं भी झुकी,
फलक भी तेरा दीवाना हुआ।
तेरे लबों की हंसी जब चली,
हर मौसम सुहाना हुआ।
मुस्कुराहट पर रुबाई
तेरी हँसी का जादू असर कर गया,
हर ग़म को मेरे दिल से दूर कर गया।
तेरी मुस्कान में ऐसी कशिश है सनम,
जो वीरान दिल को भी भरम कर गया।
मुस्कुराहट का तेरा अंदाज़ निराला है,
हर दर्द पे जैसे ये मरहम का प्याला है।
जो देखे तुझको हंसते हुए इक बार,
समझे कि खुदा का करम भी निराला है।
तेरी मुस्कान से रोशन जहां होता है,
अंधेरा भी देख तेरा दीवाना होता है।
हँसते रहो यूँ ही हर दम सनम,
तेरी हँसी में खुदा का नूर होता है।
तेरी मुस्कान में चाँदनी की फुहार है,
हर नज़र को तेरा ही इंतज़ार है।
जो देखे तुझे हंसते हुए एक बार,
वो ताउम्र तेरा तलबगार है।
मुस्कुराहट पर क़तआ’त
तेरी हंसी में बसती है रौशनी सारी,
जैसे चाँदनी में नहाए हों बाग़ और क्यारी।
मुस्कुरा के जो देख ले इक बार किसी को,
बिन कहे ही कर दे वो हर बात प्यारी।
तेरी मुस्कान का जादू सब पे असर कर गया,
हर ग़म को मेरे दिल से दूर कर गया।
सदियों से बुझा था जो चिराग़ ए-दिल,
तेरी हँसी की लौ से वो फिर जल गया।
तेरी हंसी में बहारों का रंग लगता है,
हर ग़म भी खुशी का संग लगता है।
जब भी हंस देती हो बेइंतहा तुम,
ये जहान भी जन्नत सा ढंग लगता है।
मुस्कुरा दो कि ये रात रौशन हो जाए,
हर वीरान लम्हा भी गुलशन हो जाए।
तेरी हंसी में छुपे हैं खुदा के नज़ारे,
हर दर्द मिटे और दामन में सावन हो जाए।
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FAQ’s
- मुस्कुराहट पर शायरी क्यों लिखी जाती है?
मुस्कुराहट खुशियों, सुकून और सकारात्मकता का प्रतीक होती है। इसीलिए इस पर शायरी लिखी जाती है ताकि लोग प्रेरित हों और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें। - मुस्कुराहट पर सबसे अच्छी शायरी कैसी होती है?
सबसे अच्छी शायरी वही होती है जो दिल को छू जाए, मुस्कुराने पर मजबूर कर दे और भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करे। - क्या मुस्कान दर्द को छुपाने का तरीका हो सकती है?
हां, कई बार लोग अपने दुख और दर्द को छुपाने के लिए मुस्कान का सहारा लेते हैं, और इसी पर कई बेहतरीन शायरों ने ग़ज़लें और शेर लिखे हैं। - क्या मुस्कुराहट पर ग़ज़लें सिर्फ रोमांटिक हो सकती हैं?
नहीं, मुस्कुराहट पर ग़ज़लें रोमांटिक, प्रेरणादायक, दोस्ती और ज़िन्दगी से जुड़ी भी हो सकती हैं। यह सिर्फ प्रेम तक सीमित नहीं है। - मुस्कुराहट पर लिखी गई सबसे लोकप्रिय शायरी कौन-सी है?
कई शायरों ने इस पर खूबसूरत शायरी लिखी है, लेकिन “हँसने की आदत भी कितनी महंगी पड़ी हमको, छोड़ गए वो ये सोचकर कि हमें दर्द ही नहीं होता।” जैसे शेर बेहद प्रसिद्ध हैं।
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