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Best 30+ Bachpan Shayari in Hindi | बचपन पर शायरी 2025

Best 30+ Bachpan Shayari in Hindi | बचपन पर शायरी 2025

Bachpan Shayari, बचपन की मासूमियत और निश्चलता जीवन का वह अनमोल हिस्सा है, जो समय के साथ हमारी यादों में बस जाता है। हमारी Bachpan Shayari की इस विशेष प्रस्तुति में, हमने उन भावनाओं को शब्दों में पिरोया है जो बीते दिनों की मधुर स्मृतियों को ताजा करती हैं। हर शायरी के साथ जुड़े इमोजी आपके जज्बातों को और भी गहराई से व्यक्त करेंगे, ताकि आप अपनी भावनाओं को बिना कहे भी बयां कर सकें। चाहे वह गलियों में खेलना हो, माँ की लोरी हो, या दोस्तों के साथ बिताए वो सुनहरे पल, हमारी यह संग्रह आपकी भावनाओं को समझते हुए उन्हें शब्दों में ढालता है। आइए, इस सफर में हमारे साथ जुड़ें और बचपन की खट्टी-मीठी यादों को शायरी के माध्यम से साझा करें।

Bachpan Shayari in Hindi – बचपन पर शायरी

वो बचपन की दोस्ती और खेल के दिन,🤝🎮
अब बस यादों में हैं, लौट आएं वो दिन।💭📅

मिट्टी के घरौंदे और बारिश का पानी,🏠🌧️
बचपन की वो खुशियाँ, अब कहाँ हैं रानी।👑😔

कागज़ की कश्ती और बारिश का पानी,📄⛵
बचपन की यादें, हैं दिल की कहानी।💖📖

गली में दौड़ना और पतंग उड़ाना,🏃‍♂️🪁
बचपन के वो दिन, दिल को हैं भाना।💓😊

माँ की लोरी और दादी की कहानी,👩‍👦📚
बचपन की वो रातें, थीं कितनी सुहानी।🌌🌟

स्कूल की घंटी और दोस्तों का साथ,🏫👬
बचपन की वो मस्ती, अब कहाँ है हाथ।🤲😢

चॉकलेट की खुशबू और टॉफी का स्वाद,🍫🍬
बचपन की वो मिठास, अब नहीं है याद।🤔💭

पेड़ की छांव और झूले की बात,🌳🎠
बचपन की वो यादें, दिल के हैं पास।💖📸

बिना चिंता के सोना और सपनों में खोना,😴💤
बचपन की वो नींद, अब कहाँ है होना।😕🌙

बचपन पर ग़ज़लें

बचपन की यादें दिल में बसी हैं ❤️💭,
उसमें बसी थी खुशी की हसीं जज़बातें 🧸✨।

बचपन की दौड़ में सच्ची थी हंसी की बातें 😄🏃‍♂️,
दिलों में बसी थी वो कभी ना भूलने वाली रातें 🌙💖।

वो खेल कूद, वो शरारतें 👦🎮,
बचपन में जीने का मतलब था बस मोहब्बतें 💕🌈।

जब दुनिया बड़ी होती थी छोटी सी नज़र में 🏙️👀,
बचपन में हर ख्वाब लगता था हकीकत सी 🛌💫।

वो लम्हे थे जैसे जन्नत में रहना 🌼🍃,
बचपन के पल थे जैसे सोने का पंखा ✨💤।

खेलते थे गली में जैसे दुनिया हमारी थी 🏠🌍,
सपने भी थे छोटे, पर खुशियाँ अपार थी 🎠🎉।

बचपन में हम थे बेख़ौफ़, ना किसी का डर था 🛹🙌,
संसार था सिर्फ हमारी दुनिया, ये रास्ता था 🎢💫।

वो ठंडी-ठंडी हवाएं और वो सर्दी की रातें ❄️🌙,
बचपन में खो जाने का था बस एक ही राज़ 🔑💖।

बचपन का वो बचपन, ख्वाबों में बसा था 🌸🌟,
जहां हर दिन जैसे एक नई शुरुआत हुआ था 🌞🌈।

बचपन पर नज़्में

बचपन की यादें रंगीन थीं जैसे इंद्रधनुष 🌈🎨,
हर पल हंसी से सजी होती थी, दुनिया हमारी थी 🧸✨।

वो गली, वो पेड़, वो आकाश में उड़ते ख्वाब 🌳🌟,
बचपन का हर दिन था जैसे ख्वाबों का संसार 🏰💫।

चॉकलेट की मिठास और किताबों की महक 🍫📚,
बचपन में हर दिन था एक नई शुरुआत की ललक 🌞🎉।

तितलियों के संग उड़ते थे हम जिंदगी की राहों में 🦋🌍,
बचपन में दुनिया लगती थी एक बसी हुई मिठास की चाहों में 🍭💖।

वो बिना डर के भागते हुए कदम 👣💨,
बचपन की वो गलियाँ, जैसे हमारी अपनी दुनिया थी 🏙️💫।

फूलों की खुशबू और बारिश की ठंडक 🌸🌧️,
बचपन में हर पल कुछ खास होता था, हर लम्हा था उमंगों से भरा 🕊️💖।

वो खट्टे-मीठे रिश्ते और दोस्ती का एहसास 🤝🍋,
बचपन में हर एक दिन एक नया जश्न था 🌟🎈।

पेड़ के नीचे सोना और चाँद की रोशनी में खो जाना 🌙🌳,
बचपन की वो पलें, बस इतनी सी थीं हमारी कहानियाँ 📖💫।

आसमान से गिरते तारे और सपना पूरा करने की उम्मीद 🌠💭,
बचपन में दुनिया थी, बस हमारे इरादों की ताकत से सजी 💪✨।


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FAQ’s

  1. बचपन पर शायरी और नज़्मों का क्या महत्व है?
    बचपन पर शायरी और नज़्में हमें हमारी पुरानी यादों की याद दिलाती हैं। ये हमारे दिल को हल्का करती हैं और हमें खुशियों, मासूमियत और उन लम्हों की अहमियत को समझने में मदद करती हैं जो कभी हमारे जीवन का हिस्सा थे।
  2. क्या बचपन पर शायरी और नज़्में किसी खास समय या घटना से जुड़ी होती हैं?
    हां, अक्सर बचपन पर लिखी शायरी और नज़्में उन खास पलों, घटनाओं और अनुभूतियों से जुड़ी होती हैं, जैसे खेल, दोस्ती, परिवार के साथ बिताए गए पल और छोटे-छोटे ख्वाब जो बचपन में देखे जाते थे।
  3. क्या शायरी और नज़्में बच्चों को समझने में मदद कर सकती हैं?
    जी हां, शायरी और नज़्में बच्चों के लिए भी एक अच्छा तरीका हो सकती हैं अपनी भावनाओं और विचारों को समझने और व्यक्त करने का। यह उन्हें अपनी जज़बातों को अच्छे से समझने में मदद करती हैं।
  4. बचपन की शायरी में किस तरह के प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाता है?
    बचपन की शायरी में आमतौर पर खुशी, मासूमियत, खेल, दोस्तों और परिवार के प्रतीक जैसे खिलौने, तितलियाँ, रंगीन आकाश, चाँद, और सूरज का इस्तेमाल किया जाता है। इन प्रतीकों से बचपन की दुनिया को और भी खूबसूरत और नयनमनोहक बनाया जाता है।
  5. क्या बचपन पर शायरी और नज़्मों को बड़े लोग भी पसंद करते हैं?
    बिल्कुल, बचपन पर लिखी गई शायरी और नज़्में बड़े लोगों को भी अपनी पुरानी यादों में खो जाने का एक प्यारा मौका देती हैं। यह उन्हें अपने बचपन की मासूमियत और सरलता को फिर से जीने का एहसास कराती हैं।

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