Allah Shayari एक ऐसा मंच है जहाँ दिल से निकले हुए अल्फ़ाज़, रूह से जुड़कर अल्लाह की याद को ज़ुबां देते हैं। यहाँ आप पाएँगे उन शायरियों का ख़ज़ाना जो इबादत, मोहब्बत, और यकीन से भरी हुई होती हैं। हर शायरी में अल्लाह की रहमत की झलक होती है, जो दिल को सुकून देती है और आत्मा को सच्चे विश्वास से भर देती है। चाहे आप अकेलेपन में तसल्ली की तलाश कर रहे हों या किसी खास लम्हे में अल्लाह को याद करना चाहते हों, यह वेबसाइट आपकी भावनाओं को शायरी के ज़रिए बयाँ करने का एक खूबसूरत माध्यम है। चलिए, अल्फ़ाज़ के इस सफर में अल्लाह की महिमा और उसके करम को महसूस करें – शायरी की उस दुनिया में जहाँ हर मिसरा एक सजदा है, और हर एहसास एक दुआ।
Allah Shayari | अल्लाह शायरी
तेरी रहमतों का दरिया ❤️, सदा बहता है मौला 🌊।
हर साँस में तेरा नाम, दिल ये कहता है अल्लाह 🙏।
ज़िंदगी की हर उलझन 🤔, तू ही सुलझाता है या रब ✨।
तेरी पनाह में सुकून, ये दिल पाता है अब 🕊️।
तेरी इबादत में खोकर 😊, हर ग़म भुला देता हूँ 😌।
तेरी रज़ा में राज़ी, यूँही जी लेता हूँ 💖।
तू ही मालिक, तू ही हाकिम 👑, तेरी शान निराली है 💫।
तेरे दर पे झुक कर, हर दुआ संभली है 🙌।
जब कोई न सुनता 🤫, तू मेरी सुनता है अल्लाह 👂।
तेरी रहमतों का साया 🌳, हर पल रहता है साथ सदा 🤲।
दिल में है तेरा नूर ✨, आँखों में तेरी तस्वीर 🖼️।
तू ही मेरी मंज़िल, तू ही मेरी तकदीर 🌠।
गुनाहों से भरा हूँ 😔, फिर भी तू बख्श देता है 🙏।
तेरी मेहरबानी का, कोई हिसाब नहीं होता है 💖।
तूने बख्शी है ये साँसें 🌬️, तेरा ही दिया हर पल है 🕰️।
तेरी इनायत के बिना, कुछ भी नहीं मुकम्मल है 💫।
अंधेरों में रोशनी 💡, तू ही दिखाता है या रब 🌟।
मुश्किलों में सहारा 🤗, तू ही बन जाता है अब 🛡️।
हर ज़र्रे में तेरा जलवा ✨, हर चीज़ में तेरी कुदरत 🌿।
तेरी शान-ए-खुदाई, ये दिल करता है सिफ़त 🙌।
थक कर जब बैठूँ 😥, तू ही देता है आसरा 💖।
तेरी दी हुई हिम्मत से, फिर उठ खड़ा होता हूँ मैं सहारा 💪।
तेरी याद से दिल को 💜, मिलता है ऐसा सुकून 😌।
जैसे तपती ज़मीं पर, बरस जाए सावन झूम 🌧️।
दुआओं में तेरी तलब 🙏, मेरी आँखों में तेरी उम्मीद ✨।
तेरी रहमत के बिना, ये ज़िंदगी है बेतरतीब 💔।
तूने नवाज़ा है इतना 🎁, शुक्र तेरा कैसे करूँ या अल्लाह 🙌।
तेरी रहमतों का समंदर 🌊, कभी होता नहीं खाली 💖।
हर बूंद में तू शामिल💧, हर गुल में तेरी ख़ुशबू 🌸।
तू ही है हर जगह मौजूद, तेरी ही है हर आरज़ू ✨।
भटकूँ तो राह दिखा दे 🧭, गिरूँ तो थाम ले या रब 🤗।
तेरी रहमत का दामन, छूटने न पाए अब 🤲।
तेरे हुक्म से चलता है 🚶♂️, ये सारा ज़माना अल्लाह 🌍।
तेरी मर्ज़ी के आगे, हम सब हैं बेगाना 🙏।
दिल से जो तुझको पुकारे ❤️, उसकी सुनता है तू हरदम 👂।
तेरी रहमत बरसती है 🌧️, मिट जाते हैं सारे ग़म 😌।
गुनाहगार हूँ मैं या रब 😔, तेरी पनाह चाहता हूँ 🤲।
तेरे दर से जो मिल जाए, बस वही चाहता हूँ 🙏।
तू है बेनज़ीर, तू है बेमिसाल ✨, तेरी शान है सबसे आला 👑।
तेरी रहमतों का साया, हर पल रहे निराला 🌳।
हर सुबह तेरी इनायत 🌅, हर शाम तेरा करम है 🌙।
तेरी मेहरबानी से ही, हर पल गुज़रता है हमदम 💖।
जब आँखें नम होती हैं 😢, तू ही पोंछता है आँसू 💧।
तेरी रहमत के चिराग़ से 🕯️, मिलती है हर आरज़ू ✨।
तूने बनाया है सब कुछ 🎨, तेरी कुदरत पे कुर्बान 💖।
तेरी शान-ए-जलवाहगरी, है सबसे महान 🙏।
मेरी हर दुआ तुझसे 🙏, मेरी हर सांस तेरे नाम 🌬️।
तेरे ज़िक्र से ही मिलती, दिल को राहत तमाम 😌।
तू है हाज़िर, तू है नाज़िर 👀, हर पल है तू साथ मेरे 🤝।
तेरी रहमतों के साये में, महफ़ूज़ हैं हम तेरे 💖।
जब उम्मीदें टूटती हैं 💔, तू ही देता है हौसला 💪।
तेरी रहमतों से रौशन, होता है हर फासला ✨।
तेरे सिवा कोई नहीं ☝️, जो मेरा सहारा बने 🤗।
तेरी रहमत का दामन, थामे ये ज़िंदगी चले 💖।
हर दर्द में तू मरहम 🩹, हर ज़ख्म में तू शिफ़ा है 💖।
तेरी इबादत से मिलती, हर दिल को जुदाई है 🙏।
तेरी याद में जीना ❤️, तेरी याद में मरना 🌙।
यही है आरज़ू मेरी, तुझे हर पल सिमरना ✨।
तू ही है अव्वल, तू ही है आख़िर 👑, तेरी शान है बेमिसाल 💫।
तेरी रहमतों का दरिया 🌊, सदा बहता है हर हाल 💖।
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FAQ’s
1: अल्लाह शायरी क्या होती है?
उत्तर: अल्लाह शायरी एक ऐसी भावनात्मक और आध्यात्मिक कविता होती है जिसमें अल्लाह की रहमत, मोहब्बत, माफ़ी, और उसकी महानता का ज़िक्र होता है। यह दिल से निकली दुआओं और अल्लाह से जुड़े एहसासों को अल्फ़ाज़ में बयां करती है।
2: अल्लाह शायरी क्यों लोकप्रिय है?
उत्तर: Allah shayari लोगों के दिलों को छू जाती है और उन्हें सुकून, तसल्ली और ईमान की ताज़गी देती है। यह शायरी रमज़ान, जुमा और तन्हाई के लम्हों में ज़्यादा पढ़ी और साझा की जाती है।
3: अल्लाह शायरी किन भाषाओं में लिखी जाती है?
उत्तर: अधिकतर अल्लाह शायरी उर्दू, हिंदी, अरबी, और अंग्रेज़ी में लिखी जाती है। लेकिन अब यह कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी पढ़ी और सराही जाती है।
4: क्या अल्लाह शायरी सिर्फ धार्मिक अवसरों पर ही पढ़ी जाती है?
उत्तर: नहीं, allah shayari को लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी पढ़ते हैं, खासकर तब जब उन्हें अल्लाह से तसल्ली, दुआ या रहमत की ज़रूरत महसूस होती है।
5: क्या मैं अपनी allah shayari खुद लिख सकता/सकती हूँ?
उत्तर: बिल्कुल! अगर आपके दिल में अल्लाह के लिए मोहब्बत, एहसास और इबादत है, तो आप उसे शब्दों में ढालकर अपनी अल्लाह शायरी खुद लिख सकते हैं।
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