दिल जब टूटता है ना… तो अल्फ़ाज़ भी ज़ख्म बन जाते हैं 💔
हर अधूरी मोहब्बत के पीछे कुछ ऐसे एहसास छिपे होते हैं जिन्हें सिर्फ जख्मी ब्रेकअप शायरी हिंदी ही बयां कर सकती है। अगर तुम्हारा दिल भी कभी किसी ने तोड़ा है, तो यकीन मानो — ये शायरी तुम्हारे अंदर की खामोशी को आवाज़ देगी…
जख्मी ब्रेकअप शायरी | जख्मी ब्रेकअप शायरी हिंदी
तेरी यादों की सज़ा ऐसी मिली है मुझे,
ना तेरा नाम लूँ, ना तुझे भूल पाऊँ मैं।
रिश्तों की किताब में तू आख़िरी पन्ना थी,
जिसे पढ़कर भी मैं समझ ना पाया कभी।
दिल ने चाहा था तुझको अपनी दुआ बनाकर,
तूने तो छोड़ दिया मुझे मज़ाक बनाकर।
टूटे हुए ख्वाबों का मेला सा लग गया,
तेरे जाने के बाद दिल वीरान हो गया।
तू मुस्कुरा कर भी अब अजनबी सी लगती है,
जैसे कोई याद धूल में छुपी रह गई हो।
हर रात तेरी यादों का तूफ़ान उठता है,
नींद आने से पहले दिल फिर से टूटता है।
जो पास था, वही अब दूरियों में खो गया,
मेरा प्यार मेरा गुनाह हो गया।
तेरे वादों की खुशबू अब तक साथ है,
मगर तू खुद किसी और की बात है।
तन्हाइयों का अब तो आलम ये हुआ,
आईना भी देखे तो पूछे, “कौन तू?”
दिल ने लिखा था तेरा नाम हवाओं पर,
तू आई और मिटा दिया यूँ जैसे कुछ था ही नहीं।
कभी तू सोचती होगी क्या हुआ मुझको,
जब तेरा नाम लेकर भी मुस्कुराता नहीं हूँ मैं।
वो जो कहते थे कभी ना छोड़ेंगे साथ,
अब वो नाम तक लेने से कतराते हैं।
दर्द को भी अब आदत हो गई है तेरी,
हर धड़कन में बस वही कहानी दोहराई है।
तेरा जाना भी कुछ यूँ असर कर गया,
जैसे धूप के बाद साया भी डर गया।
मोहब्बत का अंजाम इतना सख़्त निकला,
दिल भी टूटा और खुद से भी नाता टूट गया।
तेरा चेहरा अब भी दिल में बसा है,
पर तेरी मौजूदगी बस ख्वाबों में रहा है।
तू गई तो लगा सब कुछ चला गया,
फिर भी साँसें हैं कि तेरा नाम दोहराती हैं।
अब तेरी यादें भी बोझ सी लगती हैं,
जैसे ज़ख्मों पर कोई नमक छिड़क गया हो।
वो हँसी तेरी अब दर्द में बदल गई,
जो याद आई तो रात जल गई।
रिश्ते में सच्चाई थी या कोई खेल था,
अब समझ नहीं आता कौन मेरा मेल था।
तेरी जुदाई ने मुझको खामोश कर दिया,
अब तो दर्द भी बात करने से डरता है।
कभी तू भी तन्हा रातों में सोची होगी,
कि जिसको छोड़ा वो अब तक तुझे याद करता है।
दिल का भरोसा अब किसी पर नहीं रहा,
तू भी गई और यकीन भी चला गया।
तेरे जाने के बाद मैं कुछ यूँ बिखरा,
जैसे आईना गिरकर खुद को पहचान ना पाया।
जो इश्क़ में सच्चा था वही हार गया,
और जो खेल खेला, वो बाज़ी मार गया।
अब ना मोहब्बत का नाम लेना अच्छा,
हर जख्म में तेरा चेहरा दिखता है सच्चा।
वो तेरी बातें, वो तेरा अंदाज़ पुराना,
अब सिर्फ यादों में है, दिल में दर्द का ठिकाना।
तुमसे बिछड़कर सीखा वक़्त की कद्र को,
जो अपना था, वही अब दर्द बन गया सबक़ को।
अब तो दिल को समझाने की भी ज़रूरत नहीं,
वो खुद जानता है, मोहब्बत किस कदर दर्द है।
तू नहीं तो कुछ अधूरा सा लगता है,
जैसे दिल में कोई ग़म पुराना अब भी रहता है।
दिल टूटना तकलीफ देता है, लेकिन सही शब्द दिल को राहत देते हैं।
हमें उम्मीद है कि इस में दी गई जख्मी ब्रेकअप शायरी ने तुम्हारे एहसासों को आवाज़ दी होगी और थोड़ी सी मुस्कुराहट या सुकून भी छोड़ा होगा।
तो अब भी अगर दिल में कुछ अधूरा बाकी है, तो अगली शायरी में मिलते हैं… वही दर्द, वही सुकून, नए शब्दों में…
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